तुलसीदास जयंती भारतीय साहित्य और संस्कृति के महान कवि गोस्वामी तुलसीदास के जन्मदिन का पावन अवसर है। यह त्योहार श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाया जाता है। तुलसीदास जी ने रामचरितमानस की रचना करके हिंदी साहित्य को अमर कृति प्रदान की और भगवान राम की भक्ति को जन-जन तक पहुंचाया।
इस दिन तुलसीदास जी के जीवन, उनकी कृतियों और आध्यात्मिक योगदान को याद किया जाता है। रामचरितमानस के अतिरिक्त उन्होंने हनुमान चालीसा, विनय पत्रिका और अन्य कई धार्मिक ग्रंथों की रचना की जो आज भी करोड़ों लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं।
तुलसीदास जी का जीवन परिचय और साहित्यिक योगदान
गोस्वामी तुलसीदास का जन्म संवत् 1589 (सन् 1532) में राजापुर, उत्तर प्रदेश में हुआ था। उनके बचपन का नाम रामबोला था। उनके माता-पिता का नाम आत्मा राम दुबे और हुलसी था। तुलसीदास जी की शिक्षा काशी में हुई जहाँ उन्होंने संस्कृत, व्याकरण, हिंदू दर्शन, वेद-वेदांग और साहित्य का गहन अध्ययन किया।
तुलसीदास जी की प्रमुख कृतियाँ
- रामचरितमानस: अवधी भाषा में रचित महाकाव्य, राम कथा का सर्वोत्तम प्रस्तुतीकरण
- हनुमान चालीसा: हनुमान जी की स्तुति में रचित 40 चौपाइयों का लोकप्रिय स्तोत्र
- विनय पत्रिका: ब्रजभाषा में लिखी गई भक्ति-काव्य की अनुपम कृति
- दोहावली: नीति और भक्ति के दोहों का संग्रह
- कवितावली: राम कथा पर आधारित कविताओं का संकलन
- गीतावली: राम की लीलाओं पर आधारित गीतों का संग्रह
तुलसीदास जी का सांस्कृतिक प्रभाव
- धार्मिक योगदान: राम भक्ति का प्रसार और धार्मिक चेतना का विकास
- साहित्यिक योगदान: हिंदी साहित्य का विकास और भक्ति काव्य की परंपरा
- सामाजिक प्रभाव: नैतिक मूल्यों की स्थापना और आध्यात्मिक जागरूकता
- भाषाई योगदान: लोक भाषा का महत्व और काव्य कला का उत्कर्ष
सुंदर तुलसीदास जयंती शुभकामना चित्र
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हिंदी तुलसीदास जयंती शुभकामना चित्र
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Daya dharm ka bhula hai pap bhula abhiman tulsi daya na chhodiye jab tak ghat me pran
Tulsi mithe vachan te sukh upjau chahu or basikarn ek mantr hai pariharu bachan kathor
Tulsi es sansar me bhanti bhanti ke log sabse hil mil boliye nadi nav sanjog
Tulsi sathi vipatti ke vidhya vinay vivek sahas sukruti susatyavrat ram bharose ek
Ram bharose ram bala ram nam biswas sumirat shubh mangala kushla mangat tulsidas
Labh samay ko paliba hani samay ki chuk sada bicharhi charumati sudin kudin din duk
तुलसीदास जयंती मनाने के तरीके
- रामचरितमानस पाठ: विशेष रूप से रामचरितमानस का पाठ करें
- हनुमान चालीसा: हनुमान चालीसा का पाठ और गायन
- दान और सेवा: गरीबों में भोजन और वस्त्र का दान
- सत्संग: धार्मिक सत्संग और कथा का आयोजन
- साहित्य चर्चा: तुलसीदास जी की कृतियों पर चर्चा
निष्कर्ष
तुलसीदास जयंती महाकवि तुलसीदास के जीवन, कृतियों और आध्यात्मिक योगदान को याद करने का पावन अवसर है। इस दिन हमें उनके आदर्शों को अपने जीवन में उतारना चाहिए और उनकी रचनाओं से प्रेरणा लेकर धर्म, भक्ति और साहित्य के मार्ग पर आगे बढ़ना चाहिए। उनके द्वारा रचित रामचरितमानस और अन्य कृतियाँ हमेशा हमारे लिए प्रेरणा का स्रोत बनी रहेंगी।